उत्थान काल

हिंदी पत्रकारिता का उत्थान काल (1900-1947)

सरस्वती –
सन 1900 का वर्ष हिंदी पत्रकारिता के इतिहास में महत्वपूर्ण है । 1900 में प्रकाशित सरस्वती पत्रिका अपने समय की युगान्तरकारी पत्रिका रही है । वह अपनी छपाई, सफाई, कागज और चित्रों के कारण शीघ्र ही लोकप्रिय हो गई । इसे बंगाली बाबू चिन्तामणि घोष ने प्रकाशित किया था तथा इसे नागरी प्रचारिणी सभा का अनुमोदन प्राप्त था । इसके सम्पादक मण्डल में बाबू राधाकृष्ण दास, बाबू कार्तिका प्रसाद खत्री, जगन्नाथदास रत्नाकर, किशोरीदास गोस्वामी तथा बाबू श्यामसुन्दरदास थे । 1903 में इसके सम्पादन का भार आचार्य महावर प्रसाद द्विवेदी पर पड़ा । इसका मुख्य उद्देश्य हिंदी-रसिकों के मनोरंजन के साथ भाषा के सरस्वती भण्डार की अंगपुष्टि, वृद्धि और पूर्ति करन था ।

इस प्रकार 19वी शताब्दी में हिंदी पत्रकारिता का उद्भव व विकास बड़ी ही विषम परिस्थिति में हुआ । इस समय जो भी पत्र-पत्रिकाएं निकलती उनके सामने अनेक बाधाएं आ जातीं, लेकिन इन बाधाओं से टक्कर लेती हुई हिंदी पत्रकारिता शनैः-शनैः गति पाती गई ।



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